RBI New Guideline On EMI: भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 1 सितंबर 2024 से लोन पर लगने वाले पेनल्टी चार्ज को लेकर नई गाइडलाइंस लागू की हैं। इस नए नियम के तहत, बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) अब मनमाने तरीके से पेनल्टी चार्ज नहीं लगा सकेंगी। यह नियम आम लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।
ग्राहकों के हित में महत्वपूर्ण कदम
यह नया नियम ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसका मुख्य लक्ष्य है कि वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों से अनुचित शुल्क न वसूलें। आरबीआई का मानना है कि पारदर्शी व्यवस्था से बैंकिंग क्षेत्र में ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा और उन्हें अनावश्यक आर्थिक बोझ से बचाया जा सकेगा।
उचित डिफॉल्ट चार्ज की नई व्यवस्था
नए नियमों के अनुसार, अब केवल वही राशि पेनल्टी के रूप में ली जा सकेगी जो वास्तव में चुकाने में देरी हुई है। यानी अगर किसी ने अपनी ईएमआई का कुछ हिस्सा चुका दिया है और कुछ बाकी है, तो पेनल्टी केवल बाकी राशि पर ही लगेगी। यह व्यवस्था पहले से काफी अलग है, जब कई बार पूरी लोन राशि पर पेनल्टी लगा दी जाती थी।
जानबूझकर डिफॉल्ट करने वालों पर कड़ी नज़र
हालांकि, यह छूट उन लोगों के लिए नहीं है जो जानबूझकर लोन नहीं चुकाते। ऐसे लोगों की पहचान के लिए भारतीय बैंक संघ और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा लिमिटेड मिलकर एक विशेष प्रणाली विकसित कर रहे हैं। इससे धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी।
बड़े कर्जदारों पर विशेष ध्यान
आंकड़े बताते हैं कि 10 से 100 करोड़ रुपये के बीच के लोन में सबसे ज्यादा डिफॉल्ट होता है। नई व्यवस्था से इन बड़े कर्जदारों पर भी नज़र रखी जा सकेगी और समय पर कार्रवाई की जा सकेगी। इससे बैंकों को भी अपनी वसूली में मदद मिलेगी।
ग्राहकों के लिए जरूरी सावधानियां
नए नियमों के बावजूद, लोन लेने वालों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। समय पर ईएमआई का भुगतान सबसे जरूरी है। अगर किसी महीने पैसों की दिक्कत हो तो तुरंत बैंक से बात करनी चाहिए। लोन लेते समय सभी शर्तों को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए और जरूरत से ज्यादा लोन नहीं लेना चाहिए।
वित्तीय क्षेत्र में सुधार की उम्मीद
आरबीआई की यह नई पहल वित्तीय क्षेत्र में एक बड़ा सुधार लाएगी। इससे बैंकों और एनबीएफसी में पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहकों को अनुचित शुल्क से बचाया जा सकेगा। साथ ही, यह कदम वित्तीय अनुशासन को भी बढ़ावा देगा।
समाज पर प्रभाव
इस नियम का सबसे बड़ा फायदा मध्यम वर्ग और छोटे कर्जदारों को होगा। अब उन्हें अनावश्यक पेनल्टी के बोझ से राहत मिलेगी। इससे लोगों का बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा बढ़ेगा और वे बिना डर के वित्तीय सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
भविष्य की चुनौतियां और संभावनाएं
नए नियमों के सफल क्रियान्वयन के लिए बैंकों और एनबीएफसी को अपनी प्रणालियों में बदलाव करना होगा। साथ ही, ग्राहकों को भी अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक रहना होगा। यह बदलाव भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत कर सकता है।